Corona epidemicकोरोना महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक पर्यटन क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए राहत के उपाय और विशेष योजनाएं शुरू करने की राज्यसभा में मांग की गयी। तेलंगाना राष्ट्र समिति के के सुरेश रेड्डी ने शुक्रवार को पर्यटन मंत्रालय के कामकाज पर सदन में चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर कोरोना महामारी की मार सबसे अधिक पड़ी है और लाखों लोगों की नौकरी जाने के साथ बड़ी संख्या में काम धंधे बंद हुए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इनका दोहन किये जाने की जरूरत है। कोरोना के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कुछ अन्य मंत्रालयों के साथ बेहतर तालमेल तथा एकीकरण का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय को भी इस तरह के कदम उठाते हुए रेल मंत्रालय के साथ तालमेल तथा एकीकरण की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के महत्व और संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए 2027 करोड़ का बजट बहुत कम है और इसे बढाये जाने की जरूरत है। कांग्रेस के जी सी चंद्रशेखर ने भी पर्यटन मंत्रालय के बजट में कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस बार के बजट में 19 प्रतिशत की कमी की गयी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय से जुड़ी परियोजनाओं के काम में तेजी लाये जाने की जरूरत है क्योंकि इससे इस क्षेत्र को उबारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अभी 67 परियोजनाएं लंबित हैं। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सरकार को इस क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए पीपी पी मॉडल को आजमाना चाहिए। पर्यटन क्षेत्र के लिए पैकेज देने या विशेष रणनीति बनाये जाने की भी उन्होंने मांग की। अन्नाद्रमुक के एस आर बालासुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का आकलन कर इसकी भरपाई की रणनीति बनानी चाहिए।