स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधानसभा में दावा किया कि डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुरूप आबादी के हिसाब से राज्य में चिकित्सकों की संख्या उपलब्ध है । श्री पांडेय ने विधानसभा में राजद के ललित कुमार यादव के अल्प सूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि डब्ल्यूएचओ मानक के हिसाब से प्रति एक हजार की आबादी पर एक चिकित्सक होना चाहिए । बिहार की आबादी 12 करोड़ है और उस हिसाब से यहां एक लाख 20 हजार चिकित्सक होना चाहिए। अभी एक लाख 19 हजार चिकित्सक उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी 40100 निबंधित एलोपैथिक चिकित्सक, 33922 आयुर्वेदिक चिकित्सक , 34257 होम्योपैथिक चिकित्सक, 5203 यूनानी चिकित्सक और 6130 दंत चिकित्सक उपलब्ध है। नर्सों की संख्या 31414 है । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में मानक के अनुरूप चिकित्सक, नर्स और अन्य मानव संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कुल 11 नए मेडिकल कॉलेज, 23 नए जीएनएम स्कूल, 54 नए नर्सिंग स्कूल और 18 नए पारा मेडिकल संस्थान खोले जा रहे हैं । यह प्रयास किया जा रहा है कि मानक के अनुसार चिकित्सक और पारा मेडिकल मानव संसाधन उपलब्ध हो जाए । नए संस्थानों को खोले जाने से आने वाले समय में इनकी संख्या में और वृद्धि होगी । श्री पांडेय ने कहा कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में वर्ष 2020 के जुलाई से सितंबर तक कुल 929 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी और 3186 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति कर उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित किया गया है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3706 और सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 262 अर्थात 6338 पद रिक्त हैं । इन रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचन सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से बिहार तकनीकी सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है । आयोग से चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति की अनुशंसा प्राप्त होने के बाद आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार चिकित्सा पदाधिकारियों का पदस्थापन किया जाएगा ।