म्यांमार : पूरे देश में मिलिट्री शासन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी है। इंटरनेट बंद करने के साथ ट्विटर और इंस्टाग्राम बंद कर दिए गये हैं। म्यांमार की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की के चीफ इकोनॉमिस्ट और ऑस्ट्रेलियन नागरिक को भी हिरासत में लिया गया है। पहले ऐसे विदेशी डिप्लोमेट हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। प्रदर्शनकारियों की गांधीगिरी मिलिट्री रूल के खिलाफ प्रदर्शन मिलिट्री रूल के खिलाफ म्यांमार में कई जगहों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। और लोगों के प्रदर्शन को कुचलने के लिए सेना ने इंटरनेट के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगाने का एलान कर दिया। देश के सबसे बड़े शहर यंगून में लोगों ने थालियां बजाकर सेना शासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। नेट ब्लॉक्स इंटरनेट ऑब्जर्वेट्री के मुताबिक इंटरनेट की स्पीड घटाकर 16 प्रतिशत तक कर दिया गया है। जो बेहद कम स्पीड होता है। मिलिट्री शासन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी है। लोग सैनिक शासन हाय हाय के नारे लगा रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि तानाशाही शासन हारेगा और लोकतंत्र की जीत होगी। वहीं, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए हर जगह सेना के जवान खड़े हैं। शहरों के मुख्य सड़कों को बैरिकेड करके रोक दिया गया है। शनिवार को फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों ने भी सैनिक शासन के खिलाफ रैलियां निकालकर प्रदर्शन किया। वहीं, कई स्कूलो में छात्र भी रैली निकालकर नेता आंग सान सू की को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।