नयी दिल्ली : Army Chief General Narwane सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत बातचीत और राजनैतिक प्रयासों से मुद्दे का समाधान करने का पक्षधर है लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए। सेना दिवस के मौके पर शुक्रवार को यहां परेड ग्राउंड में अपने पारंपरिक उद्बोधन में जनरल नरवणे ने कहा , पिछला वर्ष सेना के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। उत्तरी सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव से सभी परिचित हैं। देश की सीमाओं पर एकतरफा बदलाव की साजिश का मुंह तोड़ जवाब दिया गया। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गलवान के वीरों की शाहदत व्यर्थ नहीं जायेगी। भारतीय सेना देश भी संप्रभुता और सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आने देगी। हम बातचीत और राजनैतिक प्रयासों से विवादों के समाधान के प्रति वचनबद्ध हैं लेकिन कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती न करें। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की आठ दौर की बातचीत हो चुकी है और परस्पर तथा समान सुरक्षा के सिद्धांत पर मौजूदा स्थिति का हल निकालने के प्रयास जारी रहेंगे। पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों के हौसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, भारी ठंड और कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमारे सैनिकों का मनोबल उन पर्वत शिखरों से भी बहुत ऊंचा है जिनकी वो मुस्तैदी से रक्षा कर रहे हैं। जनरल नरवणे ने देश सेवा में प्राणों का बलिदान देने वाले शहीदों की शाहदत को भी इस मौके पर याद किया और उन्हें नमन किया।