बेतिया : पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत विभिन्न प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक आस्था का महापर्व छठ की समाप्ति के उपरांत ग्रामीण बच्चों और युवाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न चुनावी सभा व रैली में आत्मनिर्भरता पर काफी चर्चा हुई। जिसकी झलक ग्रामीण क्षेत्र में दिखी। पछुआ हवा के साथ खेत व गड्ढों में जल सूखने लगे हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर बिहार की झलक दिखने लगी है। ग्रामीण क्षेत्र में क्या बच्चे, किशोर व युवा गड्ढों में मछलियों के शिकार में मशरूफ़ हो गए हैं। आत्मनिर्भरता का आलम यह कि एक मछली को पकड़ने के लिए चार नही 6 हाथ लगाए जा रहे हैं। वाकया व्यासपुर – नरकटियागंज मार्ग में शनिवार को दिखा जब पत्रकार को नरकटियागंज जाने के दौरान दर्जनाधिक व्यक्ति को सड़क के किनारे एक गड्ढ़े में कीचड़युक्त मछली पकड़ते देखा गया। उनसे जब पूछा गया कि कितनी मछलियां मिली तो उन्होंने बताया कि डेढ़ किलोग्राम। वहाँ स्थिति देख पत्रकारों ने पूछा क्या मछली बेंची जाएगी। उन्होंने कहा कि इत्ती सी मछली बेंची नही मिल बाँटकर आलू में मिलाकर खाएंगे। यह स्थिति है हमारे गाँव की, जहाँ गड्ढों में युवा आत्मनिर्भरता की तलाश कर रहे हैं। यदि हालात यही रहे तो पश्चिम चम्पारण के युवा गाँव छोड़ फिर से बाहर का रुख अख्तियार करेंगे।