रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के नौ नवंबर को जेल से बाहर आने का दावा करने वाले उनके पुत्र और बिहार विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव एवं पार्टी को झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत पर सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाए जाने से राजद सुप्रीमो के जेल से बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में आज दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में श्री लालू प्रसाद यादव की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। इसके लिए अदालत ने सीबीआई को 24 नवंबर तक का वक्त दे दिया । अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 27 नवंबर निर्धारित की है। मामले में श्री यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कुछ दिन पूर्व दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने आग्रह किया कि श्री यादव ने इस मामले में आधी सजा काट ली है इसलिए इन्हें जमानत दे दी जाए। हालांकि जमानत पर सुनवाई को लेकर नौ नवंबर 2020 की तारीख तय थी, लेकिन राजद अध्यक्ष के अधिवक्ता ने छह नवंबर को ही इनसे जुड़े मामले में जमानत पर सुनवाई करने का आग्रह किया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। चारा घोटाला में सजायाफ्ता श्री यादव फिलहाल रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) स्थित केली बंगले में रह रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण रिम्स में इलाजरत राजद अध्यक्ष को केली बंगला में शिफ्ट किया गया था। श्री यादव 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत इन्हें सजा सुना चुकी है। वहीं, देवघर और चाईबासा मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है। उल्लेलखनीय है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में राजद सुप्रीमों श्री यादव को सात साल की सजा सुनाई है।