नयी दिल्ली : कोरोना के वजह से देश में करीब 15 फीसदी स्टार्टअप को अपना कारोबार बंद करना पड़ा है वहीं चार स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनकर उभरने में सफल रहे हैं। ग्लोबल मैनेजमेंट एवं स्ट्रैट्जी कंपनी जिनोव के साथ साझेदारी में टाई नेटवर्क ने ‘कोविड-19 एंड द एंटीफ्रैजालिटी इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम’ नाम से आज रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में फंडिंग, एम एंड ए, सेक्टर पर प्रभाव, आंत्रप्रेन्योर और निवेशकों की सोच और बाजार के बदलते माहौल जैसे विभिन्न आयामों के अध्ययन से भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम में कोविड-19 के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआत में भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम 2019 की तेजी को बरकरार रखते हुए दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा था। हालांकि, कोविड-19 ने इस स्टार्टअप ईकोसिस्टम नुकसान पहुंचाया है और मार्च से लेकर जून 2020 में हुए लॉकडाउन ने इसे खासा प्रभावित किया है। लॉकडाउन के पहले की तुलना में इस दौरान निवेश में 50 फीसदी की कमी आई है, करीब 40 फीसदी स्टार्टअप में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला और 15 फीसदी स्टार्टअप को कोविड-19 के कारण अपना संचालन बंद करने में मजबूर होना पड़ा है। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है और मांग एवं निवेशकों के माहौल दोनों में उम्मीद से ज्यादा रफ्तार से सुधार देखने को मिला है। डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढ़ने से शिक्षा, स्वास्थ्य और कॉमर्स जैसे सेक्टर को अवसर प्राप्त हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और मोबिलिटी जैसे सेक्टर में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला था, जो तेजी से सुधार के रास्ते पर हैं। 75 फीसदी स्टार्टअप की हालत धीरे-धीरे ही सही पर स्थायी रूप से लॉकडाउन के बाद बेहतर हो रही है। करीब 30 फीसदी स्टार्टअप ने कमाई के वैकल्पिक रास्ते खोजने के लिए नए बाजार का रुख किया है, जबकि 55 फीसदी स्टार्टअप लागत को कम करते हुए ज्यादा से ज्यादा मुनाफे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके अलावा सितंबर 2020 की तिमाही के अंत तक कुल निवेश और स्टार्टअप में निजी निवेश, दोनों ही मामलों में स्थिति कोविड-19 के पहले के दौर पर पहुंच गई है। इस दौरान चार भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनकर उभरे हैं और भारत 2020 के अंत तक 8 यूनिकॉर्न बनने की उम्मीद है। यह संख्या लगभग 2019 के बराबर है। इसके अलावा 2020 के अंत तक भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम से 7-7.5 लाख प्रत्यक्ष और 26 से 28 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है, जो सुधार की स्थिति को और मजबूत बनाता है।