केंद्र ने 18 से 45 साल के लोगों को फ्री टीका देने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा: सोनिया गांधी 

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना संकट पर केंद्र सरकार की नीतियों पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। कोरोना टीके की नई नीति के विरोध में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी है। सोनिया ने सरकार की नीति को मनमाना और भेदभावपूर्ण करार देते हुए बदलाव की मांग की है। सोनिया गांधी का आरोप है कि कोरोना टीका की नई नीति के जरिए केंद्र सरकार ने 18 से 45 साल के लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया है।

सोनिया गांधी ने सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा टीके के अलग-अलग दाम तय करने पर सवाल उठाए और पूछा कि एक ही टीके की अलग-अलग कीमत कैसे हो सकती है? इस नीति से लोगों को अधिक कीमत देनी होगी और राज्य सरकारों को भारी वित्तीय क्षति होगी। ऐसे संकट में भी मुनाफाखोरी की इजाजत सरकार कैसे दे सकती है? कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘कांग्रेस ने पहले ही इसकी मांग की है कि इस नीति का पुनर्मूल्यांकन किया जाए।

निश्चित तौर पर कोई भी तार्किक व्यक्ति टीकाकरण की एक समान कीमत से होने  वाले लाभ से सहमत होगा। इस मामले में दखल दीजिए और इस गलत निर्णय को बदलिए। देश का लक्ष्य यही होना चाहिए कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों को टीका लगे, चाहे उनकी आर्थिक हालत कुछ भी हो।

बता दें, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी। एसआईआई ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा कि अगले दो महीनों में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा।

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