समझिए विक्रम को
वह लड़का जैसा सुन्दर है, वैसा ही सुशील और बैसा ही बुद्धिमान , आज ही तो उसने 31 वे साल में कदम रखा है और भ्रष्ट होती राजनीति में सुचिता ,सादगी और जनकल्याण की भावनाओं से आज के नेताओं को रूबरू करा दिया है ! उनके चेहरों से जन सेवक, जन हितैषी होने का दिखावटी नकाब तार -तार कर दिगम्वर कर दिया है ! हम बात कर…
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