हम तुम्हें यूं ना भुला पाएंगे…
किसी पराए, अजनबी शहर में कोई अपना सा मिल जाए।पहली मुलाकात में अपना बना लेने का हुनर जानने वाला हो।मरते दम तक अपनापन का रिश्ता निभाए।इसे अपने सद्कर्मों का प्रतिसाद ही माना जा सकता है।ऐसे ही अपना बना लेने वाले हुनरबाज का नाम था डी के प्रजापति।संक्षिप्त नाम डी के के नाम से पूरे देश ,प्रदेश और शहर में…
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