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हम आपकी यात्रा की मंगलकामना करते हैं…

सुशील उपाध्याय इस कहानी में चार पात्र हैं - एक युवा लड़की, उसके अधेड़ मां-बाप और चौथा पात्र वहां साक्षी भाव से मौजूद है जो घटनाओं को होते हुए देख रहा है। यूं तो इसे कहानी कहना मुश्किल है और ये कहना भी मुश्किल है कि वहां कोई घटना हुई। शाम का वक्त है, राजधानी एक्सप्रेस अभी दिल्ली से मुंबई के…
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