अज्ञान और अविवेक का विजय-पर्व?
जवरीमल्ल पारख
20 सितंबर, 1995 के दिन दक्षिण दिल्ली के एक मंदिर में गणेश जी की मूर्ति की सूंड को दूध पिलाया गया और कुछ ही क्षणों में वह दूध ग़ायब हो गया। यह बात कुछ ही देर में एक जगह से दूसरी जगह फैलती गयी और जगह-जगह लोग गणेशजी की मूर्तियों को दूध पिलाने लगे। यहां तक कि अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा…
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