अब वो बात कहाँ…..
अतुल मलिकराम
(लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
एक रोज मेरा किसी काम से जाना हुआ, घर लौटते हुए शाम हो गई। मैं घर लौट ही रहा था कि दूर किसी चाय की दुकान पर एक पुराना गाना सुनाई दिया। गाने के बोल मेरे कानों में पड़े तो एक पल के लिए मैं जवानी के उस समय में पहुँच गया जब मैं गाने सुनने का बड़ा शौकीन हुआ…
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