‘कुआं ठाकुर का’ बताने पर लपकते ठाकुर के लठैत
बादल सरोज
सांसद मनोज झा(MP Manoj Jha) ने संसद में दिए अपने भाषण में एक कविता क्या पढ़ी, दंभी जाति श्रेष्ठता के वर्चस्व का इन्द्रासन ही डोल उठा। जाति के अप्रासंगिक हो जाने का पाखण्डी दावा और सहिष्णु बनने का नाटक करने वाली मनु के लठैतों की पूरी फ़ौज जैसे जाग उठी। हड़बड़ाहट ऐसी थी, जैसी घुप्प अंधेरी…
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