विष्णु नागर के दो व्यंग्य
1. भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, अडानी हितकारी!
उन्होंने सही कहा कि 2014 से पहले इस देश में कुछ नहीं था। न सड़कें थीं, न पुल थे। न बिजली थी, न पानी था। न कारखाने थे, न फैक्ट्रियां थीं। न बसें थीं, न ट्रेनें थीं। न बिल्डिगें थीं, न घर थे। न आईआईटी थे, न आईआईएम थे। न एम्स था।न डाक्टर थे, न इंजीनियर…
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