मुंह में अम्बेडकर, बगल में मनु का त्रिशूल
बादल सरोज
सामान्यतः होता यह है कि जब चुनाव चल रहे होते हैं, तब गुंडे–जिन्हें न जाने क्यों इन दिनों बाहुबली कहा जाता है–भी शराफत की भाव भंगिमा में दिखाने की हरचंद कोशिश करते हैं। लोककथाओं में लिखा है कि जंगल में भी हमेशा-हमेशा के लिए शाकाहारी हो जाने की भेड़िया गारंटी दिए जाने के उदाहरण पाए…
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