परदेश में पराक्रम
महाराजा तो नाम के हैं। फिर भी कितने आनंद की बात है। वहां भी थे महाराजा, अब यहां भी छायावादी महाराजा। बस, मामूली फर्क है। वहां पैदल हो गए थे। यहां फुल मंत्री बन गये। विमानन मंत्री। ऐसा विभाग, जिसके पास एक भी अपना विमान नहीं है। बगैर विमान के विमानन मंत्री। एयर इंडिया का महाराजा भी मूछों को संभालते…
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