कोसल में विचारों की कमी है
आलेख : जवरीमल्ल पारख, संक्षिप्तिकरण : संजय पराते
हिंदी कवि श्रीकांत वर्मा के कविता संग्रह 'मगध' में एक कविता संकलित है, ‘कोसल में विचारों की कमी है’। इस कविता की अंतिम दो पंक्तियां हैं : कोसल अधिक दिन नहीं टिक सकता/कोसल में विचारों की कमी है!’ यदि कोसल को हम भारत का लोकतंत्र समझें तो उस पर यह…
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