एसबीआई 2014 से ही है खालाजी का घर
टिप्पणी : बादल सरोज
बात 2014 की है। अभी सेहरा बंधने के निशान मिटे भी नहीं थे - संसद की सीढियां उन पर बहाए गए आंसुओं से अभी भी गीली थी ... और जिस तरह नयी नयी साईकिल सीखने वाला चौराहे की दूकान से माचिस लेने भी साईकिल से जाता है, उसी तरह नए नवेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'विदेश यात्राओं की लूट…
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