100 ग्राम पर भारी विनेश पर उमड़ा प्यार
बादल सरोज
जिस तरह शासक वर्ग दमन और क्रूरता के अपने वर्चस्व को कायम करने के नए नए तरीके और औजार ढूंढता और आजमाता रहता है, उसी तरह अवाम भी उसके विरोध और प्रतिरोध के नए-नए माध्यम और औजार तलाश लेता है। सफ़दर हाशमी ने इसे दर्ज करते हुए कहा था कि “नुक्कड़ नाटक देखते समय किसी दृश्य या संवाद पर जब…
Read More...
Read More...