पांच सौ भी पार क्यों नहीं?
व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा
इसे मोदी जी की अति-विनम्रता कहा जाए या संकोचीपन, इस पर तो बहस हो सकती है, मतभेद हो सकता है। लेकिन, इस पर कोई मनभेद नहीं हो सकता है कि मोदी जी ने देश पर, डेमोक्रेसी पर, विपक्ष पर बड़ी मेहरबानी की है, जो ‘अब की बार चार सौ पार’ पर निशाना लगाया है। वर्ना अगर अबकी बार पांच…
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