और सब बढ़िया…..!
अतुल मलिकराम
(लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर ही जीवन की गाड़ी चलती है। जीवन में जितना सुख आता है उतना ही दुःख भी आता है। फिर भी हम सुख का स्वागत तो खुले दिल से करते हैं लेकिन दुःख का नहीं....। जबकि हम भी जानते हैं कि जीवन में अगर सुख है तो…
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