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तीरतुक्का

प्रोटोकॉल कोरोना का!

हे कोरोना! तुम लोकतंत्र में क्या एकदम विश्वास नहीं रखते? तुम्हारी हरकतें तो कुछ ऐसी ही हैं! बिहार के लोगों ने तुम्हें चुनौती दे दी है। वह चुनावी रैलियों में हजारों-लाखों की संख्या में जुटें। उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर मास्क भी नहीं बांधा। 2 गज की दूरी भी नहीं रखी। अब कितनों को मारोगे! हत्यारे कोरोना!…
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ओह! निर्भया!

विरेंद्र सेंगर हम जानते हैं तुम्हारा यह असली नाम नहीं है। तुम बार-बार चीत्कार करोगी, मरोगी भी। मरने के बाद तुम वाकई में निर्भया हो जाओगी। तुमसे सालों पहले राष्ट्रीय राजधानी में कुछ इंसानी राक्षसों ने भयानक दरिंदगी करने के बाद उसे लहूलुहान करके छोड़ दिया था। अंततः उसने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम…
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लोकतंत्र ‘शोर’ के कंधों पर!

इन दिनों संसद से सड़क तक ध्वनि मत का मुद्दा ही जेर-ए-बहस है। हुआ यह कि राज्यसभा यानी सयाने सांसदों के सदन में ध्वनि का ही राष्ट्रीय पंगा हो गया। मनुहार के लिए किसानों को तरह-तरह के लुभावने पैकेज दिये जा रहे हैं। इस साल की एमएसपी महीनों पहले ही बढ़े दामों में घोषित हो गयी। लेकिन हंगामा बरपा है...…
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