नोएडा में 80 करोड़ की जमीन पर कब्जा: वाडिया बंधुओं समेत 30 पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

नोएडा (गौतम बुद्ध नगर)। नोएडा के सलारपुर गांव में 80 वर्षीय बुजुर्ग की 14 बीघा (लगभग ₹80 करोड़ मूल्य की) जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़पने के आरोप में वाडिया बंधुओं समेत 30 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना सेक्टर-49 पुलिस ने यह मामला अदालत के आदेश पर दर्ज किया है।

गोरखपुर निवासी पवन जिंदल, जो राजेंद्र नगर स्थित फुलवारी हाउस में रहते हैं, ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 26 अगस्त 1985 को सलारपुर गांव में 14 बीघा जमीन खरीदी थी। इसी खसरा नंबर की कुछ जमीन वाडिया परिवार के पास भी थी। पवन जिंदल के अनुसार, 10 मई 2016 को उन्हें जानकारी मिली कि आरोपी सुरेश कुमार गोयल ने उनकी जमीन के लिए फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कराई और गोरखपुर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में पेश की।

इसके बाद, उसने तहसीलदार का जाली आदेश दिखाकर जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करा लिया। जब पवन जिंदल ने आरटीआई से जांच कराई, तो खुलासा हुआ कि राजस्व विभाग में ऐसे किसी आदेश या पत्रावली का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। बाद में 15 सितंबर 2017 को तहसीलदार ने इस फर्जी म्यूटेशन को रद्द कर दिया और जमीन दोबारा पवन जिंदल के नाम दर्ज कर दी।

हालांकि, इस बीच आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की अवैध रजिस्ट्री भी करा ली। जांच में यह भी सामने आया कि सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में किसी अन्य व्यक्ति को पवन जिंदल के नाम पर खड़ा कर फर्जी मुख्तयारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) कराया गया था। जिंदल ने गोरखपुर न्यायालय में याचिका दायर कर अपने अंगूठों के निशान प्रस्तुत किए, जिनके मिलान से यह स्पष्ट हुआ कि सभी दस्तावेज फर्जी थे।

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि अदालत के आदेश पर सभी 30 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इनमें अनिल वाडिया, अशोक वाडिया, जयभगवान चौहान, सुरेश कुमार गोयल, डॉ. जगमोहन गोयल, रजत मदान, सतीश कुमार मदान, मंजू बंसल, रंजन गुप्ता, सौरभ मित्तल सहित अन्य आरोपी शामिल हैं। ये सभी आरोपी दिल्ली, चंडीगढ़, पटियाला, गाजियाबाद, शामली और नोएडा के निवासी बताए गए हैं।

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