टी.एल.एम से होता है बच्चों में सृजनात्मकता का विकास :सुजीत विश्वकर्म
चाईबासा। पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, चाईबासा में शिशु वाटिका आचार्य कार्यशाला के चौथे दिन का शुभारंभ मंजू श्रीवास्तव और उनके साथ शिशु वाटिका की दीदी जी ने भारत माता और देवी अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया। मौके पर विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य सुजीत विश्वकर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित समस्त दीदी जी के कार्यों की सराहना की ओर कहा कि इस कार्यशाला में जो शैक्षिक सामग्री का निर्माण हो रहा है उससे भैया-बहनों में सृजनात्मकता का विकास होगा। बच्चों को कक्षा-कक्ष में टी.एल.एम की सहायता से अध्यापन कार्य करने से अधिगम बेहतर होता है। बच्चे पाठ्य सामग्री को देखकर प्रसन्न होते हैं और जल्दी सीखते हैं। चौथे दिन के कार्यशाला में कागज की लुगदी से कटोरी व टोकरी का निर्माण हुआ। वहीं मिट्टी से विभिन्न प्रकार के फल जैसे-जामुन,केंदु , पपीता,संतरा,केला,सेव,अमडा, लीची,नाशपाती,आम तथा सब्जियों में भिंडी,पटल,बैगन आदि बनाए गए और उनके रंग-रोगन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शिशु वाटिका की क्षेत्रीय प्रमुख ने बताया कि इस कार्यशाला का समापन गुरुवार को है। आज बचे हुए हैं कार्यों को पूरा कर लिया जा रहा है। आज का इस चौथे दिन का कार्यशाला सफलता पूर्वक संपन्न हुआ है। इस मौके पर शिशु वाटिका की समस्त दीदी जी उपस्थित थीं।