नयी दिल्ली। सरकार ने सशस्त्र बलों में अधिक तालमेल, सामंजस्य और कमान के स्तर पर दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के नियम अधिसूचित कर दिए हैं।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि ये नियम मंगलवार यानी 27 मई से प्रभावी होंगे। इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को बढ़ावा देना है, जिससे सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण मजबूत होगा।
यह विधेयक 2023 के मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और राष्ट्रपति ने इसे 15 अगस्त, 2023 को मंजूरी दी थी।
यह अधिनियम आईएसओ के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन सेवारत सेवा कर्मियों पर कमान और नियंत्रण रखने का अधिकार देता है, जिससे संगठनों के भीतर अनुशासन और प्रशासन का प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित होता है। यह सशस्त्र बलों की प्रत्येक शाखा पर लागू विशेष सेवा शर्तों में बदलाव नहीं करता।
अधिनियम की धारा 11 के तहत नए अधिसूचित नियमों का उद्देश्य कानून में निर्धारित प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना है। ये नियम आईएसओ के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और परिचालन तालमेल के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करते हैं। नियमों की अधिसूचना के साथ, अधिनियम अब पूरी तरह से प्रभावी गया है। इससे आईएसओ के प्रमुखों को सशक्त बनाया जाएगा, अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटान किया जा सकेगा और कार्यवाही की पुनरावृति से बचने में मदद मिलेगी।