स्वतंत्रता सेनानी आशाराम सैनी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए!

रुड़की। जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बाबू आसाराम सैनी की 34वीं पुण्यतिथि पर आज उनके समाधि स्थल पर ग्राम जलालपुर डाडा में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। समाधि स्थल पर पारिवारिक जन तथा ग्राम वासियों ने हवन किया तथा उसके बाद पुष्पांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर काफी संख्या में क्षेत्रवासी स्वर्गीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने समाधि स्थल पर पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंची विधायक श्रीमती ममता राकेश ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू आसाराम सैनी को याद कर कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर तो इस देश को आजाद कराने में बाबू आसाराम सैनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने आजादी के बाद भी इस पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए सतत् प्रयत्नशील रहे और इस क्षेत्र के विकास में उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया । उन्होंने कहा कि इस देश के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए वह भी इस क्षेत्र की विधायिका होने के नाते से इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्प हैं। श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए उत्तराखंड के राज्य मंत्री श्याम वीर सैनी ने स्वतंत्रता सेनानी बाबू आसाराम सैनी को श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा कि उत्तराखंड शासन में राज्य मंत्री होते हुए इस क्षेत्र की उन्नति एवं प्रगति कराना उनका प्रथम लक्ष्य है। इस क्षेत्र के विकास से जुड़े हुए किसी भी कार्य को कराने में वह सदैव आगे बढ़कर योगदान करेंगे। रुड़की से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार व जनपद हरिद्वार के एकमात्र शहीद जगदीश वत्सस के भांजे डॉ. श्री गोपाल नारसन एडवोकेट ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनका यह सौभाग्य है कि देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले इस जनपद के एकमात्र शहीद के वह वंशज हैं। उन्होंने कहा कि इस देश के स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के कठोर संघर्षों एवं बलिदानों के कारण ही यह देश आज़ाद हो पाया था तथा इस देश में लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष शासन व्यवस्था को लागू किया गया था। अब इस देश के लोकतंत्र और इसकी संवैधानिक संस्थाओं को बचाने तथा इस देश को मजबूत बनाने का उत्तरदायित्व हमारी पीढ़ी के ऊपर है।उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मंजू सैनी ने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य भी उनके सामर्थ्य में होगा वह उसे अवश्य पूरा करेंगी। स्वतंत्रता सेनानी बाबू आसाराम सैनी के सुपुत्र वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी ने अपने पिताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके पिताजी स्वतंत्रता आंदोलन में लगभग ढाई वर्षों तक सहारनपुर जेल में बंद रहे और कठोर यातनाएं सही तथा आजादी के बाद उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये ,विशेष रूप से उन्होंने इस नितांत पिछड़े क्षेत्र में गांव-गांव में प्राइमरी स्कूलों तथा जूनियर हाई स्कूलों की स्थापना कराकर उस समय इस क्षेत्र में शिक्षा के जो छोटे-छोटे दीप जलाए थे आज वो शिक्षा के सभी दीपक शिक्षा के बड़े-बड़े प्रकाश स्तंभ बनकर अपनी पूर्ण आभा के साथ शिक्षा के प्रकाश को दूर-दूर तक फैला रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी के पौत्र तथा शिक्षक रहे श्री नवीन शरण निश्चल ने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में एक गीत ‘यह स्वतंत्रता सेनानी हैं इस देश के बुनियादी पत्थर /इनके ही दम से फहराता है आज तिरंगा ये फर -फर ‘ सुनाया जिसे सभी लोगों ने बहुत पसंद किया। श्रद्धांजलि सभा में डॉ. संजीव कुमार सैनी, राजीव सैनी, योगेंद्र कुमार सैनी ,धूम सिंह सैनी तथा प्रदीप सैनी एडवोकेट आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये। अंत में श्रीमती कमलेश सैनी पूर्व प्रधान ग्राम जलालपुर डाडा ने अपने तथा अपने संपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी परिवार की ओर से सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस श्रद्धांजलि सभा में सर्वश्री मास्टर राजपाल सैनी, मास्टर रामलाल , कुंवर पाल सैनी, संजय सैनी, रणवीर सिंह रावत ,दीपिका सैनी, अमित सैनी, चरण सिंह, तरुण सैनी, ई.शशांक सैनी, प्रियंका सैनी, निमिता शर्मा ,यादवेंद्र शरण, देवेंद्र शरण, कविता सैनी, रंजीता सैनी, प्रवीण सैनी, मधु सैनी, मेघराज सिंह तथा धर्मपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

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