भारत ने तुर्की और चीन से कहा, संबंध परस्पर संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान के साथ खड़े तुर्कीये और चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि संबंध परस्पर संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित होते हैं।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने 10 मई को चीन के विदेश मंत्री और सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधि वांग यी से टेलीफोन पर वार्ता की। इस बातचीत के दौरान भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर अपना कड़ा रुख स्पष्ट किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने वांग यी को स्पष्ट रूप से बताया कि भारत सीमा-पार आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करता और इस संबंध में भारत का रुख पूरी तरह अडिग है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-चीन संबंध आपसी विश्वास, संवेदनशीलता और सम्मान की नींव पर आधारित हैं और इन मूल्यों के बिना संबंधों में प्रगति संभव नहीं है।

दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में तुर्कीये को भी यही संदेश दिया। प्रवक्ता ने कहा, “हम अपेक्षा करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा-पार आतंकवाद का समर्थन बंद करने और दशकों से पाले गए ‘आतंकवाद पारिस्थितिकी तंत्र’ के विरुद्ध विश्वसनीय और प्रमाणिक कार्रवाई करने का आग्रह करेगा। सीमापार आतंकवाद जिसे पाकिस्तान ने दशकों से अपने यहां आश्रय दिया है। जैसा कि आप जानते हैं, रिश्ते एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि तुर्की के ‘सेलेबी’ कंपनी से जुड़े मामले को भारत स्थित तुर्की दूतावास के साथ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष निर्णय को ‘नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो’ द्वारा लिया गया है।

भारत सरकार ने 15 मई 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ और उसकी संबद्ध कंपनियों की ‘सुरक्षा मंजूरी’ रद्द कर दी। यह निर्णय ‘नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो’ द्वारा लिया गया।

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