राजमिस्त्री भी शामिल होंगे
कांकेर। केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देश के प्रमुख ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आगामी 20 मई को देशव्यापी हड़ताल किया जाएगा। उक्ताशय की जानकारी राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के राज्य अध्यक्ष देवचंद भास्कर और महासचिव ओम प्रकाश देवांगन (पार्षद) ने आज एक प्रेस बयान जारी कर दी।
नेताओं ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश में लंबे समय से श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए जो श्रम कानून था उसे मालिकों के हितों में खत्म कर 4 श्रम संहिता में बदल दिया गया है।यह श्रमिकों के अधिकारों पर सीधा हमला है और अब श्रमिकों को मालिकों के रहमो कर्म पर छोड़ दिया गया है।
श्रम संहिता में न्यूनतम वेतन के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है और अब यह मालिक को अधिकार दे दिया गया है कि वे न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करें जब कि अब तक न्यूनतम मजदूरी सरकार निर्धारित करती थी उसके बाद भी मालिकों ने मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने से आना कानी करते थे अब श्रम संहिता बनने के बाद मालिकों को मजदूरों का शोषण करने का खुली छूट दे दिया गया है।
मजदूर नेताओं ने कहा कि दुनिया में मजदूरों से रोज 8 घंटे काम लिया जाता है।लेकिन श्रम संहिता में मालिकों को मजदूरों से न्यूनतम 12 घंटे कार्य लिए जाने का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ न्यूनतम मजदूरी की समाप्ति और दूसरे तरफ दिन में 12 घंटे काम लिया जाना मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार मालिक करने लगेंगे।मजदूर पाशविक जीवन व्यतीत करेंगे।
इसके साथ ही मजदूरों के सामाजिक सुविधाओं देना अब मालिकों की बाध्यता को समाप्त कर उसे ऐच्छिक बना दिया गया है।
नेताद्वय ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ मालिक और कॉर्पोरेट घरानों के हित साधने में लगी हुई है।सरकार की इन नीतियों के खिलाफ राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन आगामी 20 मई को लामबंद कर देश के मजदूर आंदोलन के साथ शामिल होगी।