अहमदाबाद। कांग्रेस का अधिवेशन बुधवार को यहां साबरमती के तट पर होगा, जिसमें मुख्य विपक्षी दल कम से कम दो प्रस्तावों के माध्यम से अपना राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण सामने रखने के साथ ही संगठन सृजन की रूपरेखा पेश करेगी। पार्टी ने इससे एक दिन पहले मंगलवार को अपनी विस्तारित कार्य समिति की बैठक से सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपने दावे को मजबूती से रखा और कहा कि देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री ‘हमारे सरदार’ हैं और उनके बताए रास्ते पर चलते हुए पार्टी सांप्रदायिकता, धार्मिक ध्रुवीकरण और विभाजन की राजनीति के खिलाफ संघर्ष करने के लिए कमर कस चुकी है।
अधिवेशन सुबह ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा और इसके बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का अध्यक्षीय संबोधन होगा। इसके बाद चर्चा के लिए अलग-अलग प्रस्ताव रखे जाएंगे। इस बैठक के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अधिवेशन को संबोधित करेंगे। प्रस्तावों के अनुमोदन के साथ ही इस अधिवेशन का समापन होगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को बताया था, “अधिवेशन में दो और प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिनमें एक राष्ट्रीय मुद्दों पर और दूसरा गुजरात के मुद्दों व राजनीतिक स्थिति से जुड़ा होगा।” उनका यह भी कहना था कि सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय और राजनीतिक न्याय को लेकर कांग्रेस पार्टी का क्या एजेंडा है, इस बारे में प्रस्ताव में उल्लेख होगा।