म्यांमार में आई विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 704 हो गई है तथा घायलों की संख्या बढ़कर 1,670 हो गई। मौतों का आंकड़ा 10,000 तक पहुंच सकता है। देश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल ही रहा है, इसी के चलते बचाव कार्य जारी रहने के चलते मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए।
म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। म्यांमार और थाईलैंड में यह 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने कम से कम 704 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि 1,670लोग घायल हैं। उधर, थाईलैंड में 10 लोगों की मौत हुई है। इस तरह इस आपदा में अब तक 700 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। भारी तबाही के चलते म्यांमार के 6 राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है।
अभी भी लगातार झटके महसूस हो रहे हैं, जो लोगों को डरा रहे हैं। शुक्रवार को रात 11:56 बजे म्यांमार में फिर भूकंप के झटके लगे। स्थानीय समय के मुताबिक शुक्रवार रात 11:56 बजे म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि भूकंप की तीव्रता 4.2 रही। यह 10 किमी की गहराई में आया। भूकंप से हुई तबाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत जमींदोज हो गई, जिसमें 43 मजदूर फंसे हुए हैं।
भारत ने मदद भेजी
म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने मदद भेजी है। 15 टन वाली राहत सामग्री की पहली खेप वहां पहुंच गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी पुष्टि की। जायसवाल ने कहा कि इसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि म्यांमार के लोगों के लिए पहली खेप के रूप में तात्कालिक मानवीय सहायता भेजी गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का सी-130 प्लेन कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, फूड पैकेट और किचन सेट ले जा रहा है। प्लेन में एक सर्च और रेस्कूय टीम के अलावा मेडिकल टीम भी है। जयशंकर ने कहा कि हम स्थिति पर नज़र बनाए रखेंगे और आगे भी सहायता भेजी जाएगी।