टोल फ्री नंबर से होगा फायदा : प्रशांत आर्य

 देहरादून।महिला कल्याण विभागान्तर्गत राज्य में अनाथ ,निराश्रित, परित्यक्त, दिव्यांग, पोक्सो पीड़िता एवं विषम परिस्थितियों के शिकार बच्चों को त्वरित एवं आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु 24 घंटे टोल फ्री नं0 चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 का संचालन किया जा रहा है। उक्त हेल्पलाइन के संचारू संचालन हेतु दो चरणों में दिनांक 06-07 मार्च, 2025 एवं 10 व 11 मार्च 2025 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सेन्टर फाॅर ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इन फाईनेन्स एडमिनिस्ट्रेन, सुद्धोवाला, देहरादून में चाइल्ड हेल्प लाइन में कार्यरत कार्मिकों के क्षमता विकास हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

*श्री प्रशांत आर्य, निदेशक, महिला* कल्याण द्वारा राज्य के अनाथ, निराश्रित, परित्यक्त, विषम परिस्थितियों के शिकार बच्चे एवं पोक्सो पीड़ित बच्चों को त्वरित एवं आवश्यक सहायता प्रदान कर बच्चों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने हेतु मार्गदर्शित किया गया। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से विषम परिस्थितियों के शिकार बच्चो के सर्वोत्तम हित में किए गए सफलतम कहानियों को संग्रहित करने के निर्देश दिए ताकि सभी के लिए मार्गदर्शन प्राप्त हो की किस प्रकार से बच्चो के कल्याणार्थ कार्य कर उनको पुनर्वासित किया जा सकता है।

इस अवसर पर श्री प्रशांत आर्य, निदेशक महिला कल्याण द्वारा *बाल आयाम* नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें राज्य के 32 विभागों द्वारा बच्चो के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं को संग्रहित किया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्रीमती अंजना गुप्ता, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिभागियों को विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करते हुये किशोर न्याय अधिनियम में निहित प्रावधानों के क्रम संचालित मिशन वात्सल्य योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही देखरेख एवं संरक्षण की श्रेणी के बच्चों के देखरेख संरक्षण एवं पुर्नवास हेतु रेखीय विभागों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों के माध्यम से समस्त जनपदों के चाइल्ड हेल्प लाइन में कार्यकरत कार्मिकों को जानकारी प्रदान की गयी। निम्न विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित विषय विशेष पर जानकारी प्रदान की गयी-
ऽ सुश्री अदिति कौर, पर्वतीय बाल मंच द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली, अनुभवों एवं चुनौतियों को साझा कर जानकारी प्रदान की गयी।
ऽ श्रीमती संगीता गौड, एसोसिएट निदेशक (ट्रेनिंग), एसोसिएशन फाॅर वाॅलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आन्दोलन), नई दिल्ली द्वारा किशोर न्याय अधिनियम (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन 2021 की मूल विशेषताएं और सिद्धांत के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी।
ऽ श्री पवन शर्मा, साइकोलोजिस्ट द्वारा संकटग्रस्त/संकट में फंसे बच्चों से कैसे निपटना चाहिए एवं उनके सर्वोत्तम हित में कैसे कार्य करना चाहिए, से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी।
ऽ पुलिस विभाग के अधिकारियों सी0ओ0 एवं एस आई द्वारा सी0सी0एल0, सी0एन0सी0पी0 वाले बच्चों, पोक्सों पीड़ित, तस्कारी, बालिकाओं की साइबर क्राइम से सुरक्षा के सम्बन्ध में एवं स्पेशल न्यूनाइल पुलिस यूनिट की भूमिका पर जानकारी प्रदान की गयी।
ऽ स्वास्थ्य विभाग से डाॅ अभिमन्यू, ठाकुर, चिकित्सा अधिकारी द्वारा बालिकाओं के स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं मासिक धर्म से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी प्रदान की गयी। उपस्थित बालिकाओं द्वारा स्वास्थ्य से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गयी।
ऽ श्रम विभाग से श्री दीपक कुमार, सहायक श्रम कमिश्नर द्वारा बाल श्रमिकों के बचाव उनके पुनर्वास कल्याण के लिए श्रम विभाग की भूमिका पर जानकारी प्रदान की गयी।
ऽ समाज कल्याण विभाग से सुनिल रावत, सहायक समाज कल्याण अधिकारी द्वारा समाज कल्याण विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं यथा विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, परित्यक्ता पेंशन, विकलांग पेंशन, दिव्यांग पेंशन, किसान पेंशन, पुरोहित पेंशन, तीलू रौतेली पेंशन, अटल आवास योजना आदि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य परिवीक्षा अधिकारी,  मोहित चौधरी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी,  अंजना गुप्ता,  राजीव नयन तिवारी, विधि अधिकारी  समीक्षा शर्मा, कार्यक्रम प्रबंधक प्रीति उपाध्याय उपस्थित रहें।

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