महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर तीर्थराज प्रयागराज में आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है। इस मौके पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। महाशिवरात्रि स्नान पर्व के बाद 45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ मेले का समापन हो जायेगा जिसमें 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान का लाभ उठाया है। भारी संख्या में संगम तटों पर पहुंच रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पुण्य स्नान की मानीटरिंग कर रहे हैं। पूरे प्रयागराज को नो व्हीकल जोन में तब्दील कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं पर बरसे फूल
श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से फूल बरसाये जा रहे हैं। प्रयागराज के अलावा वाराणसी में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिये कतारबद्ध हैं। बीते सभी अमृत स्नान और स्नान पर्व की तरह मुख्यमंत्री तड़के 4 बजे से ही व्यवस्थाओं को देखने के लिए कंट्रोल रूम पहुंच गए।
गोरखपुर प्रवास के चलते उनके लिए गोरखनाथ मंदिर में ही कंट्रोल रूम स्थापित किया गया, जहां वह स्नान पर्व पर पल-पल की मॉनीटरिंग करते नजर आए। टीवी पर उन्होंने श्रद्धालुओं के स्नान की एक-एक फीड को लाइव देखा और कंट्रोल रूम से ही आला अधिकारियों को निर्देशित किया। योगी के निर्देश पर समस्त आला अधिकारी भी मुस्तैद नजर आए और सुबह से ही उन्होंने भी मोर्चा संभाल लिया। इससे पूर्व योगी ने बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा अमृत स्नान के अवसर पर भी प्रातः से वॉर रूम में अधिकारियों के साथ बैठक की थी और मॉनिटरिंग करते रहे थे।
महाशिवरात्रि अमृत स्नान के साथ ही बुधवार को महाकुम्भ 2025 का समापन होना है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि स्नान पर्व के इस महत्वपूर्ण आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्था के संदर्भ में पूरी स्थिति का जायजा लिया। गोरखपुर में वह सुबह से ही गोरखनाथ मंदिर स्थित कंट्रोल रूम में पहुंच गए और टीवी पर स्नान पर्व की लाइव फीड पर मॉनीटरिंग करते रहे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई भी असुविधा न हो और सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाएं। वह टीवी पर महाकुम्भ नगर समेत समस्त प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासनिक व्यवस्थाओं और सुविधाओं की लाइव फीड देखते रहे।
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समस्त घाटों पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें और श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करें। साथ ही, उन्होंने आस्था के इस महान पर्व पर प्रशासन की तत्परता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि करोड़ों श्रद्धालुओं को बिना किसी समस्या के त्रिवेणी संगम में स्नान का लाभ मिल सके।