झारखंड को मेडिको एग्रीकल्चर हब बनाने की तैयारी
सरकार का रुख सकारात्मक, यूरोप के बाजार तैयार: सीईओ
तकरीबन 2 लाख लोगों को रोजगार देने की योजना
डॉ.सोमनाथ आर्य
पाकुड़: झारखंड को मेडिको एग्रीकल्चर हब बनाने की तैयारी जोरों पर है। झारखंड से हर्ब्स और अन्य प्रकार के मेडिको एग्रीकल्चरल उत्पाद सीधे यूरोप के बाजार में पहुंचें और राज्य के लगभग 2 लाख युवाओं को रोजगार मिले, इस लक्ष्य के साथ फिनलैंड की सॉफ्टा कंपनी के सीईओ सुनील कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ रविवार को पाकुड़ के परिसदन में उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव से मुलाकात की। इस मेगा प्रोजेक्ट पर विस्तृत चर्चा हुई।
मंत्री ने सीईओ को आश्वस्त किया कि मौजूदा झारखंड सरकार हर हाल में युवाओं के रोजी-रोटी के लिए पलायन रोकना चाहती है। सरकार झारखंड उद्यम शक्ति परियोजना को मील का पत्थर बनाएगी और परियोजना के लिए भूमि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सॉफ्टा कंपनी को यहां बिना किसी बाधा के काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस मुद्दे पर जल्द ही बड़े प्रशासनिक स्तर पर सचिव स्तरीय बैठक होगी।
झारखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगी : उद्योग मंत्री
उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने इस परियोजना को राज्य के ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम करार दिया। उन्होंने इसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। मंत्री ने कहा, “यह परियोजना आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुधार लाने में सक्षम है और झारखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगी।”
झारखंड उद्यम शक्ति परियोजना क्या है?
झारखंड उद्यम शक्ति परियोजना एक मेडिको एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट है, जिसे फिनलैंड की कंपनी सॉफ्टा ने विशेष रूप से डिजाइन और विकसित किया है। इस परियोजना में ₹24,000 करोड़ (3 बिलियन डॉलर) का निवेश प्रस्तावित है। इसके सफल क्रियान्वयन से अगले 10 वर्षों में झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
झारखंड की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी : सीईओ
कंपनी के सीईओ सुनील कुमार सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य न केवल झारखंड को एक अग्रणी एग्रीकल्चर हब बनाना है, बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं और महिलाओं को सशक्त करते हुए रोजगार और अवसर प्रदान करना है। झारखंड उद्यम शक्ति परियोजना झारखंड की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
सीईओ ने आगे कहा कि जल्द ही अगली बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें परियोजना के डिटेल्ड पार्टनरशिप मॉडल, निवेश नीति और संभावित विस्तार योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।