भाजपा ने की टीम इलेवन यानी टीएसआर की छुट्टी, रणनीति या धड़ेबाजी: गरिमा मेहरा दसौनी

देहरादून ।उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड भाजपा पर तंज किया है, दसौनी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा की भाजपा द्वारा प्रदेश के सभी ग्यारह नगर निगमों में जिस तरह से महापौर के प्रत्याशी बदले गए हैं उससे यह साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी के सभी निवर्तमान महापौर भ्रष्टाचारी और निकम्मे थे,जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे इसलिए मुख्यमंत्री को कपड़ों की तरह बदलने की परिपाटी को भाजपा ने यथावत रखते हुए अपने सभी महापौर प्रत्याशी बदल दिए जिनके खिलाफ जबरदस्त एंटीएंकांबेंसी पनप रही थी। दसौनी ने कहा या तो यह एक बड़ी रणनीति के तहत किया गया है या फिर इसका कारण भाजपा की अंदरूनी कलह और धड़ेबाजी भी हो सकती है। गरिमा ने कहा कि इस वक्त उत्तराखंड भाजपा एक चुनौती पूर्ण समय से गुजर रही है पार्टी के जो तनाव है वह नेताओं के बयानों से महसूस किया जा सकता है। एक तरफ हाल ही में पूर्व काबिना मंत्री अरविंद पांडे का बयान है जिसमें बकौल पांडे भाजपा के ही कुछ लोग उनको ठिकाने लगाना चाहते हैं, दूसरी ओर विकास नगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान आरक्षण को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं, वही लैंसडाउन से भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत सार्वजनिक सभा में अपने कार्यकर्ताओं को निर्दलीय मैदान में कूदने की सलाह दे रहे हैं। कोटद्वार नगर निगम के टिकट बंटवारे को लेकर सूत्रों की मानें तो विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक नाराज चल रही है। उपरोक्त सभी प्रकरणों के मध्य नजर दसौनी ने चुटकी लेते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं की सभी नगर निगमो से सीटिंग महापौर का टिकट काटने का कारण धड़ेबाजी हो, क्योंकि सभी टिकट त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्रीत्व काल में बांटे गए थे तो क्या यह माना जाए की धामी जी अपनी टीम 11 में त्रिवेंद्र रावत के खिलाड़ी नहीं चाहते इसलिए उन्होंने सभी 11 नगर निग़मों में महापौर प्रत्याशी बदलकर त्रिवेंद्र रावत खेमे को नुकसान पहुंचाने के लिए ये किया है? गरिमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, उसके हाथी के दांत खाने के और हैं और दिखाने के और। दसोनी ने कहा कि देहरादून नगर निगम में महापौर प्रत्याशी सौरभ थपलियाल के साथ आज नामांकन के दौरान ना ही भाजपा महानगर अध्यक्ष, ना ही संगठन महामंत्री, ना ही प्रदेश अध्यक्ष और ना ही कोई और महापौर का टिकटार्थी नजर आया।हकीकत यह है कि आज शहरी निकायों के चुनाव में भाजपा को प्रत्याशी चयन में खासी मशक्कत करनी पड़ी और अब जीत दर्ज कराने के लिए भी अंतर विरोध और अंतर्द्वंद के चलते एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा क्योंकि सब दिन होत न एक समाना ।

 

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