नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय यात्रा के लिए कुवैत रवाना हो गए। कुवैत जाने से पहले शनिवार को उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया की शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भारत और खाड़ी देश का साझा हित है। यह पिछले 43 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा है। मोदी ऐसे समय में कुवैत की यात्रा कर रहे हैं जब दो सप्ताह पहले सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का पतन हो गया और गाजा में इजराइल एवं हमास के बीच संभावित युद्ध विराम समझौते के संकेत नजर आ रहे हैं। इससे पहले, भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में इस खाड़ी देश की यात्रा की थी।
मोदी ने यात्रा पर रवाना होने से पहले दिए गए एक बयान में कहा कि कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत भारत और कुवैत के बीच भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार करने का अवसर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से कायम हैं। हम न केवल व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में मजबूत साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भी हमारा साझा हित है।’’ मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के विशेष आपसी संबंधों और मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।’’
मोदी ने कहा कि वह कुवैत के अमीर, युवराज (क्राउन प्रिंस) और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठकों के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार करने का एक अवसर होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता के बंधन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’ मोदी कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे, भारतीय श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे, भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख खेल आयोजन ‘अरेबियन गल्फ कप’ के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित कर विशेष सम्मान देने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं।’’ विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत की यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी देश के बीच रक्षा और व्यापार समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि कुवैत के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और रक्षा सहयोग समझौते पर चर्चा जारी है। विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा से भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगा, बल्कि भविष्य में सहयोग के नए रास्ते भी खोलेगा, हमारे साझा मूल्यों को सुदृढ़ करेगा और भविष्य के लिए अधिक मजबूत साझेदारी का निर्माण करेगा।’’ भारत, कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। कुवैत भी भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। कुवैत, भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को तीन प्रतिशत तक पूरा करता है।