कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतें पहले से ही ऊंची हैं और अगले हफ्ते इनमें और इजाफा होने की संभावना है। व्यापारियों के संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार द्वारा आलू के अन्य राज्यों में निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाया नहीं गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
फिलहाल, राज्य के खुदरा बाजारों में आलू की दो प्रमुख किस्में, “ज्योति” और “चंद्रमुखी,” 35 से 42 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही हैं।
यह पिछले तीन महीनों में दूसरी बार है जब प्रोग्रेसिव पोटैटो ट्रेडर्स एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा की है। इससे पहले अगस्त में भी व्यापारियों ने हड़ताल की थी।
संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि जब खुदरा बाजार में आलू की कीमतें धीरे-धीरे स्थिर हो रही थीं, तब राज्य सरकार ने ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आलू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति पर काफी हद तक निर्भरता है।
पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि यह प्रतिबंध बिना किसी औपचारिक अधिसूचना के लगाया गया है। पुलिस राज्य की सीमा पर आलू से भरे ट्रकों को रोक रही है और व्यापारियों पर कार्रवाई कर रही है। ऐसी स्थिति में व्यापार करना मुश्किल हो गया है। इस वजह से हमने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने 22 नवंबर से आलू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। इसके एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की आंतरिक जरूरतें पूरी किए बिना आलू और प्याज के अन्य राज्यों में निर्यात पर नाराजगी जताई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब सरकार किसानों के लिए बीमा योजनाओं में धनराशि उपलब्ध करा रही है, तो राज्य की जरूरतें पूरी किए बिना इन खाद्य पदार्थों का निर्यात स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का संकेत दिया था।