अकाल तख्त का सुखबीर बादल की धार्मिक सजा पर फैसला आज

चंडीगढ़। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह आज शिरोमणि अकाली दल (बादल) के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल समेत करीब डेढ दर्जन पूर्व मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाएंगे। पंजाब में अकाली दल की सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई धार्मिक गलतियों के लिए बादल को पहले ही दोषी करार देते हुए तनखैया घोषित किया जा चुका है।

सुखबीर समेत पंजाब की पूर्व बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान रहे मंत्री भी अकाल तख्त के समक्ष पेश होकर अपने धार्मिक गुनाहों को स्वीकार कर चुके हैं। आज अमृतसर स्थित अकाल तख्त पर पांचों तख्तों के सिंह साहिबानों की बैठक होगी। इस बैठक में पूर्व की बैठकों में अकाली नेताओं को दोषी करार दिए जाने के आधार पर चर्चा होगी। इसके बाद दोषी पूर्व मंत्रियों को अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर दिया जाएगा। इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह अकाल तख्त साहिब से सभी नेताओं को सजा सुनाएंगे। इस मौके पर जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह कौम के नाम संदेश भी जारी कर सकते हैं।

क्या होती है तनखैया की सजा

सिख धर्म से जुड़े लोग जानते हैं कि तनखैया क्या होता है। तनखैया का मतलब होता है धार्मिक गुनहगार या दोषी व्यक्ति का हुक्का-पानी बंद करना। कोई भी सिख अपने धार्मिक नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला लेता है तो अकाल तख्त को अधिकार है कि उसे उचित सजा दे। तनखैया घोषित किया गया व्यक्ति न तो किसी भी तख्त पर जा सकता है और न किसी सिंह से अरदास करवा सकता है, अगर कोई उसकी तरफ से अरदास करता है तो उसे भी कसूरवार माना जाता है। आरोपी सिख संगत के सामने पेश होकर अगर अपनी गलती की क्षमायाचना करता है उसे माफ भी कर दिया जाता है। सुखबीर बादल के माफीनामा सौंपने पर भी उन्हें माफी नहीं दी गई। उन पर सिख धर्म की मर्यादा के खिलाफ जाने के आरोप सिद्ध हुए और उन्हें तनखैया करार दे दिया गया।

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