चाईबासा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर आदिवासियों के आरक्षण को छीनकर उन्हें अपने ‘वोट बैंक’ को सौंपने का प्रयास करने का आरोप लगाया। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उनकी पूजा करते हैं, जिन्हें दूसरों ने खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित किया लेकिन (प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल) नेहरू जी ने इसका विरोध किया था। गांधी परिवार ने तब तक आरक्षण का विरोध किया जब तक वे नेहरू के बाद सत्ता में रहे। अब एक बार फिर उन्होंने खुले तौर पर घोषणा की है कि वे आदिवासियों के आरक्षण को खत्म कर देंगे। वे आदिवासी आरक्षण छीनकर अपने वोट बैंक को सौंप देंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (कांग्रेस ने) एक और रणनीति तैयार की है। वे विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को अल्पसंख्यक संस्थान घोषित कर रहे हैं। इससे आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का आरक्षण रोका जा रहा है। कांग्रेस की इस साजिश से सावधान रहें।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को सुविधा देकर आदिवासी ‘पहचान, गरिमा और अस्तित्व’ को दांव पर लगा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘घुसपैठिए आपकी बेटियों को छीन रहे हैं, जमीन हड़प रहे हैं और आपकी रोटी खा रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि झारखंड की जनसांख्यिकी को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि झारखंड में भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे। अवैध तरीके से हड़प की गई भूमि को फिर से आदिवासी बेटियों के नाम करने के लिए कानून लाए जाएंगे।’’
उन्होंने झारखंड में भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन और महाराष्ट्र में एक महिला नेता को ‘अपमानित’ करने के लिए कांग्रेस नीत विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि महिलाओं का अपमान करना उनकी आदत है। मोदी ने शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत की शिवसेना उम्मीदवार शाइना एनसी को निशाना बनाने वाली टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘विपक्ष ने महाराष्ट्र में एक महिला नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। माताएं और बेटियां सदमे में हैं, लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।’’
प्रधानमंत्री ने अस्सी के दशक में हुए गुआ गोली कांड का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह की बर्बरता अंग्रेजों ने की थी, वैसी ही बर्बरता यहां कांग्रेस सरकार ने उस समय आदिवासियों का खून बहा कर की थी। उन्होंने कहा, ‘‘यहां कांग्रेस सरकार ने हमारे आदिवासी भाइयों को गोलियों से भून दिया था। हमारे वो आदिवासी पूर्वज सिर्फ अपना हक मांग रहे थे, वो अलग झारखंड राज्य मांग रहे थे। उस समय राजद के नेता भी कहते थे कि झारखंड उनकी लाश पर बनेगा। आपके सपनों से इतनी नफरत है इन लोगों को। जो राजद, झारखंड बनाने को सहमत नहीं था, आज झामुमो उस राजद की गोद में बैठ गई है।’’ झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 13 और 20 नवंबर को होगा।