देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक बड़ी चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) गुरुवार को राजभवन के ऑडिटोरियम में विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम काे संबाेधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने एम्स के ट्रॉमा केंद्र में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी, एम्स ऋषिकेश के सफाई कर्मचारी और शवगृह के सहयोगियों को उत्कृष्ट कार्य करने के सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि ट्रॉमा से पीड़ित व्यक्ति के प्रति सिर्फ चिकित्सकों की ही नहीं अपितु सर्वसमाज की जिम्मेदारी है और हेल्थ, एसडीआरएफ, एनसीसी और रेडक्रॉस की टीमों को समन्वय कर इसे आगे बढ़ाना चाहिए।
राज्यपाल ने एम्स की ओर से आयोजित किए जा रहे जन-जागरुकता कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में लगभग पांच हजार छात्रों को प्रशिक्षण देना एम्स ऋषिकेश के सबसे प्रभावशाली प्रयासों में से एक है और यह पहल एक मजबूत और सुरक्षित समुदाय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने राज्य सरकार के साथ मिलकर 250 से अधिक मरीजों की सफलतापूर्वक हेलीकॉप्टर से निकासी की है, जिससे समय पर जीवन रक्षक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सकी है। एम्स ऋषिकेश की ओर से संचालित हेली एम्बुलेंस और टेलिमेडिसिन सुविधा से विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस पहाड़ी राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी प्रभावशाली तकनीक के प्रयोग से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। उत्तराखंड के सभी स्वास्थ्य सुविधा अवयवों को मिलकर टेलिमेडिसिन और एआई युक्त सुविधाओं का एक विश्व स्तरीय मॉडल तैयार करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने समुदायों को सुरक्षित और अधिक सक्षम बनाएंगे। आने वाले दिनों में ‘संजीवनी’ नामक परियोजना शुरू होने जा रही है, जिसके तहत अगले एक वर्ष तक मरीजों को निशुल्क हेलीकॉप्टर से निकाला जाएगा।
कार्यक्रम में ट्रॉमा विभाग के डॉ. मधुर उनियाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ट्रॉमा विभाग की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन प्रो. जया चतुर्वेदी, ट्रॉमा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, डॉ. नवीन कुमार सहित एसडीआरएफ के जवान, एम्स ऋषिकेश के शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।