पेरिस। भाला फेंक खिलाड़ी नवदीप सिंह ने शनिवार को यहां एफ41 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और दृष्टिबाधित धाविका सिमरन ने महिलाओं की 200 मीटर (टी12) में कांस्य पदक जीता। नवदीप ने छोटे कद के एथलीटों के लिए बने वर्गी में प्रतिस्पर्धा करते हुए 47.32 मीटर थ्रो के साथ विश्व रिकॉर्ड धारक चीन के सन पेंगजियांग को पछाड़ने के बाद अपने अभियान को रजत पदक के साथ खत्म किया था।
ईरान के सादेघ बेत सयाह को बार-बार आपत्तिजनक झंडा प्रदर्शित करने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद इसे अभूतपूर्व स्वर्ण में अपग्रेड कर दिया गया। पेंगजियांग (44.72 मीटर) के नाम रजत पदक रहा। सयाह अपने पांचवें थ्रो में 47.64 मीटर के नये पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पर थे, लेकिन अपनी हरकतों के कारण पदक गवां बैठे।
अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियम एथलीटों को आयोजन में कोई भी राजनीतिक संकेत देने से रोकते हैं और सयाह को गैर-खेल/अनुचित आचरण के लिए अंतिम परिणामों से बाहर कर दिया गया था। इसी स्टेडियम में सिमरन ने अपने गाइड अभय सिंह के साथ महिलाओं की 200 मीटर (टी12) स्पर्धा में 24.75 सेकेंड का प्रभावशाली व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता।
चौबीस वर्षीय सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था। उसने 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है। इस साल जापान के कोबे में विश्व चैंपियन बनने वाली भारतीय को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और अंततः निधन भी शामिल था। वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं।
उन्होंने 200 मीटर दौड़ में कांस्य के साथ अपने अभियान को यादगार बनाया। अभी प्रतियोगिता में एक दिन शेष है और इन दोनों के प्रदर्शन ने भारत के पदकों की कुल संख्या 29 तक पहुंचा दी, जिसमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य शामिल हैं।
ट्रैक-एंड-फील्ड ने इस तालिका में 17 पदकों का योगदान दिया है, जिनमें से चार स्वर्ण हैं। चीन 90 स्वर्ण सहित 208 पदकों के साथ देश समग्र तालिका में शीर्ष पर है जबकि भारत 15वें स्थान पर है नवदीप ने इस स्वर्ण पदक के साथ तोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रहने की कसक को दूर की। आयकर विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात नवदीप ने 2017 में खेल में आने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर पांच बार पदक जीते हैं।
उन्होंने इस साल की शुरुआत में पैरा-विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। दूसरी ओर, सिमरन ने पिछले साल हांगझोउ में एशियाई पैरा खेलों में दो रजत पदक जीते और पिछले दिसंबर में उद्घाटन खेलो इंडिया पैरा खेलों में 100 मीटर, 200 मीटर और लंबी कूद में तीन स्वर्ण पदक हासिल किए। उन्हें उनके पति नायक गजेंद्र सिंह प्रशिक्षित करते हैं।
प्राची यादव कैनो स्प्रिंट में आठवें स्थान पर रही
भारत की प्राची यादव शनिवार को यहां पेरिस पैरालंपिक में महिलाओं की वीएल2 200 मीटर कैनो स्पर्धा के फाइनल में आठवें स्थान पर रहीं। उन्होंने फाइनल में एक मिनट 08.55 सेंकंड का समय लिया। इससे पहले प्राची ने सेमीफाइनल में तीसरा स्थान हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया। भारत के एकमात्र पुरुष कैनो स्प्रिंटर यश कुमार का अभियान पुरुषों की केएल1 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में पांचवें (1:02.03) स्थान पर रहने के बाद समाप्त हो गया। वीएल2 वर्ग में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके पैर और धड़ वाले हिस्से में विकार हो जिससे वे कयाक में सीधे बैठ सकते हैं लेकिन उन्हें ऊंची पीठ वाली सीट की जरूरत हो सकती है।
भारत का रोड साइकिलिंग में निराशाजनक प्रदर्शन
भारत के पैरा साइकिलिस्ट अरशद शेख और ज्योति गडेरिया ने पुरुष और महिला रोड रेस सी1-3 स्पर्धा में शीर्ष खिलाड़ियों से एक लैप से पीछे रहकर बिना किसी पदक के पेरिस पैरालंपिक में अपना अभियान खत्म किया। महिलाओं की रेस में ज्योति गडेरिया 15वें स्थान पर रहीं। पुरुषों की रेस में अरशद शेख 28वें स्थान पर रहे। ज्योति और शेख दोनों पहले रोड टाइम ट्रायल सी2 स्पर्धा में संघर्ष करते हुए क्रमशः 16वें और 11वें स्थान पर रहे। दोनों ही फाइनल में नहीं पहुंच पाए। ज्योति सी1-3 टाइम ट्रायल और परस्यूट क्वालीफायर में 11वें और 10वें स्थान पर रहीं जबकि शेख 17वें और नौवें स्थान पर रहे।
तैराक सुयश जाधव फाइनल में जगह बनाने में विफल रहे
पैरा तैराक सुयश जाधव पुरुषों की 50 मीटर बटरफ्लाई एस7 के फाइनल में प्रवेश करने में विफल रहे जिससे इस खेल में भारत का अभियान समाप्त हो गया। हीट 1 में प्रतिस्पर्धा करते हुए 30 वर्षीय सुयश 33.47 सेकंड के समय के साथ पांचवें स्थान पर रहे जो कुल मिलाकर 10वां स्थान था। दो हीट से शीर्ष चार तैराक फाइनल में पहुंचते हैं। एस7 श्रेणी में वो पैरा तैराक हिस्सा लेते हैं जिनके हाथ, धड़ और पैरों का मूवमेंट प्रभावित होता है या फिर छोटे कद वाले होते हैं या जिनके पैर नहीं होते।