अनाथ बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण में महिला कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका’

देहरादून। निदेशालय महिला कल्याण निकट नन्दा की चौकी, सुद्धोवाला प्रेमनगर में निदेशक, महिला कल्याण की अध्यक्षता विभागीय योजनाओं के प्रगति की समीक्षा बैठक आहूत की गयी, जिसमें सभी जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारियों द्वारा जनपदस्तर पर संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों के प्रगति एवं उपलब्धियों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।

बैठक में जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा जारी अनाथ प्रमाण पत्र की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह जानकारी सांझा की गयी कि बालिका निकेतन, देहरादून की 01 अनाथ बालिका को अनाथ प्रमाण पत्र के आधार पर राजकीय सेवाओं में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ प्राप्त हुआ है एवं वर्तमान में बालिका स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग अधिकारी के पद पर सेवायोजित होकर सेवाएं प्रदान कर रही है, जोकि विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही अन्य जनपदों द्वारा भी इस सम्बन्ध अवगत कराया गया कि जिला प्रोबेशन कार्यालय के माध्यम से अनाथ बच्चों को जारी अनाथ प्रमाण पत्र के आधार पर कई किशोर / किशोरियों को सरकारी सेवाओं में योजित होने का अवसर प्राप्त हुआ है।

जनपदस्तर पर जिला प्रोबेशन कार्यालय के माध्यम से जारी अनाथ प्रमाण के आधार पर कुल 24 किशोर / किशोरियां सरकारी सेवा या योजना से लाभान्वित हुये है। 09 बच्चे उच्च शिक्षा में अध्ययनरत है (यथा-एम०बी०बी०एस०, डी०एल०एड० आदि), 14 किशोर / किशोरिया विभिन्न राजकीय सेवा में सेवायोजित हुये है एवं 01 बालिका को अनाथ प्रमाण पत्र के आधार पर नन्दा गौरा योजना से लाभान्वित किया गया है। इस प्रकार उत्तरकाशी से 07, अल्मोड़ा से 04, टिहरी गढ़वाल से 05, रुद्रप्रयाण से 04 हरिद्वार से 01, देहरादून से 01, बागेश्वर से 01 एवं ऊधमसिंह नगर से 01 किशोर / किशोरियां सम्मिलित है। जनपदों से प्राप्त सूचना के आधार पर वर्तमान में विभागार्न्तगत कुल 525 बच्चों को अनाथ प्रमण पत्र जारी किया गया है।
श्री प्रशांत आर्य, निदेशक, महिला कल्याण द्वारा निर्देशित किया गया कि अनाथ प्रमाण पत्र बनाने हेतु जो आवेदन जनपद स्तरीय कार्यालय को प्राप्त हुये है, उनके अनाथ प्रमाण पत्र शीघ्र जारी करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाय। साथ ही यह निर्देशित किया गया कि अनाथ प्रमाण पत्र बनाने के सम्बन्ध में जनपद, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाय, ताकि कोई जरूरतमंद बच्चा इस लाभ से वंचित ना रह जाय। जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड हेल्पलाइन को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये गये।

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