अनुपूरक बजट पारित
भराड़ीसैंण। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को सदन में अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया है। साथ ही सात विधेयक पारित हुए और दो प्रवर समिति को सौंपे गए। इसके साथ ही विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। तीन दिन में सत्र कुल 18 घंटे 09 मिनट तक चला। कुल 03 अध्यादेश, 09 विधेयक सदन के पटल पर रखे गए।
मानसून सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को 5013.05 करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया गया था। शुक्रवार को तीसरे दिन बजट पारित कर दिया गया। साथ ही 07 विधेयक भी पास कर दिए गए। उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) अध्यादेश, 2024 और राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2023 इन दो विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सत्र समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पंचम विधानसभा के द्वितीय सत्र में सदन कुल 18 घंटे 09 मिनट तक संचालित हुआ। 21 अगस्त को 03 घंटे 50 मिनट और 22 अगस्त को 10 घंटे 16 मिनट व आज (23 अगस्त) 04 घंटे 03 मिनट तक सदन की कार्यवाही संचालित हुई। कुल प्राप्त 500 प्रश्नों में 109 प्रश्न उत्तरित हुए, जबकि 29 प्रश्न निरस्त हुए हैं।
कांग्रेस विधायकों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस के विधायकों ने सत्र का बहिष्कार कर दिया। कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक नियम 58 के तहत सदन में चर्चा की मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने पांच विधायकों को आधा घंटे में अपनी बात रखने को कहा। नियम 58 में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य लगभग 20 मिनट बोले। पर्याप्त समय नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया।
अनियोजित विकास और पहाड़ों के कटान से राज्य में आपदाएं बढ़ रही हैं: नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आपदा पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के संवेदनशील स्थान धारचूला, मुनस्यारी कपकोट, चमोली, उत्तरकाशी के भूभाग फाइव जोन में है। इसके अलावा राज्य के अन्य स्थान गुप्तकाशी, गौरीकुंड, नैनीताल के अलावा अन्य स्थानों पर आए दिन आपदा की घटनाएं घटती हैं। विस्थापन नहीं होने से लोगों को खुले आसमान में रहना पड़ रहा है। उन्होंने आऱोप लगाया कि अनियोजित विकास और पहाड़ों के कटान से राज्य में आपदाएं बढ़ रही हैं। पहाड़ दरक रहे हैं। जोशीमठ के लिए सरकार का पैकेज कहां गया कुछ पता नहीं चला।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का वश नहीं है लेकिन मौसम विभाग बारिश और नदियों के जलस्तर को लेकर चेतावनी जारी करता है। आपदा आने के बाद सरकार की गतिविधियां चलती हैं। चमोली, पिथौरागढ़ जनपद में आपदा का हाल बताने की जरूरत नहीं है। केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। फिर भी लोगों के हित में प्रस्ताव को नहीं बनाया जा रहा है।
सरकार आपदा को लेकर गंभीर: प्रेम चंद अग्रवाल
संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि आपदा से निपटने को लेकर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। विपक्ष अपनी बात रखकर सुनने के मौके पर सदन से बाहर चले गए। केदारघाटी में 13 हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया। आपदा आते ही सरकार और विभाग ने तुरंत सक्रिय होकर कार्य किया। रात में आपदा आई और सुबह मुख्यमंत्री ने हवाई निरीक्षण किया। केन्द्र से आग्रह पर चिनूक और एमआई-17 सहित 05 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू कार्य में लगे। आपदा के लिए 427 करोड़ से अधिक राशि स्वीकृत की गई। 21 करोड़ 87 लाख मुआवजा राशि वितरित की गई। डबल इंजन सरकार राज्य को पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने विपक्ष के केन्द्र से आपदा के लिए सहयोग राशि बढ़ाने की मांग पर कहा कि इसी माह एसडीआरएफ के रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरों को संशोधित किया गया है। इसमें 70 प्रतिशत तक अलग-अलग बढ़ोतरी की गई है।
ये तीन अध्यादेश रखे गए पटल पर
– उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, 2024
-उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) अध्यादेश, 2024
– उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916) (संशोधन) अध्यादेश, 2024
ये विधेयक रखे पटल पर
-उत्तराखण्ड विनियोग (2024-25 का अनुपूरक) विधेयक, 2024
– उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक, 2024
– उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024
-उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916) (संशोधन) विधेयक, 2024
-राज्य विश्वविद्यालय विधेयक उत्तराखण्ड 2023 ( राज्यपाल द्वारा संदेश सहित वापस किया गया था)
– उत्तराखण्ड राज्य विधान सभा विविध (संशोधन) विधेयक, 2024
-उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक 2024
– उत्तराखण्ड राज्य कीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक, 2024
-उत्तराखण्ड कारागार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक, 2024
सूचनाओं का विवरण: कुल याचिकाएं प्राप्त 03 स्वीकृत 0, नियम-300 की प्राप्त सूचनाएं 57 स्वीकृत 57, समस्त ध्यानाकर्षण। नियम-53 की प्राप्त सूचनाएं 28 स्वीकृत 02, और 15 सूचनाएं ध्यानाकर्षण। नियम 58 की प्राप्त सूचनाएं 11 स्वीकृत 08, नियम 310 की प्राप्त सूचनाएं 03, परिवर्तित 58 में।