आर. जी. कर कांड में अपराध कहां हुआ इस पर भी सीबीआई को संदेह, कहीं और हत्या की आशंका

कोलकाता । आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर की हत्या और बलात्कार को लेकर कई रहस्यमय सवाल सामने आ रहे हैं। सवाल यह है कि क्या वास्तव में सारा घटनाक्रम सेमिनार रूम में ही हुआ, या कहीं और? सारा मामला इस बात पर टिक गया है कि आखिरकार छात्रा के साथ यह अमानवीय कृत्य कहां पर हुआ था-सेमिनार रूम में या किसी अन्य स्थान पर?

सीबीआई के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण नाक और मुंह दबाकर और गला घोंटकर श्वासरुद्ध बताया गया है, जो कि हत्या का संकेत देता है। इसके साथ ही, रिपोर्ट में यौनांगों पर चोट के निशान भी पाए गए हैं, जो यौन उत्पीड़न का प्रमाण हैं।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के जांचकर्ता भी इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि क्या वास्तव में घटना सेमिनार रूम में हुई थी। सवाल यह उठता है कि जिस तरह से मृतका का शरीर पोडियम के ऊपर पाया गया, वह इस बात का संकेत नहीं देता कि उसे कोई सोता हुआ समझ सकता था।

सेमिनार रूम में जहां पोडियम है, वहां से दरवाजे की दूरी को देखते हुए, बिना पास जाकर कोई यह नहीं कह सकता कि छात्रा सो रही थी। पुलिस के अनुसार, जो डॉक्टर छात्रा को बुलाने आए थे, उन्होंने यह दावा किया था कि उन्होंने केवल छात्रा का माथा देखा था और उन्हें लगा कि वह सो रही है। यह भी सवाल उठता है कि क्या पोडियम के ऊपर रखी बेंच जानबूझकर इस तरह से रखी गई थी, ताकि दरवाजे से देखने पर शव का अधिकांश हिस्सा छिप जाए?

डॉक्टरों के एक वर्ग का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह से अपने माथे पर हाथ रखकर मरा हो, तो उसे नींद में ही मौत आई होगी और वह कुछ महसूस नहीं कर पाया होगा। ऐसे में मृतका के शरीर पर इतने घाव के निशान होने की बात सामने नहीं आनी चाहिए थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रतिरोध के निशान भी मिले हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि छात्रा ने खुद को बचाने की कोशिश की थी।

इससे यह सवाल उठता है कि क्या हत्या के बाद मृतका का हाथ इस स्थिति में रखा गया था ताकि यह घटना को साजिशन घुमाने का प्रयास हो सके?

इस बीच, सीबीआई के सूत्रों ने यह भी आशंका जताई है कि सेमिनार रूम के अलावा, अस्पताल की चौथी मंजिल पर डॉक्टरों के आराम करने के लिए एक और कमरा था। उस कमरे में कुछ समय पहले मरम्मत का काम शुरू किया गया था, जिससे यह सवाल और गहराता है कि कहीं घटना वास्तव में उसी कमरे में तो नहीं हुई थी और सबूत मिटाने के लिए उस कमरे को तोड़ा जा रहा था?

सवाल यह भी उठता है कि जिस स्थान पर मृतका का शरीर मिला, वहां किसी के सोने की कोई वजह नहीं हो सकती। सेमिनार रूम में अन्य बेहतर शय्याएं होते हुए भी कोई क्यों धूल भरी जमीन पर सोएगा? और वह भी बिजली के तारों के ऊपर बिस्तर बिछाकर? इस सबके बीच सीबीआई अब इन सवालों के जवाब तलाश रही है।

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