कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इसी अस्पताल में बीते दिनों एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव बरामद हुआ था। चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व स्वामी विवेकानंद राज्य पुलिस अकादमी के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ. प्रणव कुमार करेंगे।
पश्चिम बंगाल गृह विभाग की ओर से 16 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार, एसआईटी को सरकारी विभागों और निजी एजेंसियों से जांच के लिए कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज तक पहुंच की छूट होगी। विशेष सचिव ने हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा है, ‘‘मुझे जनवरी 2021 से अब तक की अवधि के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया गया है।’’
एसआईटी को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जांच के दौरान कुमार को मुर्शिदाबाद रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) वकार रजा, राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता सेंट्रल के पुलिस उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी सहायता करेंगे। एसआईटी का गठन ऐसे समय में किया गया है जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो इसी अस्पताल में (सीबीआई) प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना की जांच कर रहा है।
सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना से आक्रोषित देश भर के चिकित्सक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय और कार्यस्थलों पर बेहतर सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।