वायनाड में भूस्खलन, मलबे में सैकड़ों लोग दबे ,आठ लोगों की मौत

वायनाड। केरल के वायनाड जिले में लगातार जारी भारी बारिश के कारण मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। अधिकारियों ने मृतकों में तीन बच्चों के शामिल होने की जानकारी दी है।

वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। वायनाड की जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर ने बताया कि प्रभावित इलाकों में आपदा राहत कार्य जारी है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दमकल विभाग, पुलिस तथा वन, राजस्व एवं स्थानीय स्वशासित विभाग बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं।
मेघाश्री के अनुसार, सरकारी एजेंसियों के साथ ही स्वयंसेवी और स्थानीय निवासी भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि करमन्थोडु नदी पर बाणासुर सागर बांध के द्वार खोल दिए गए हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।

इससे पहले, संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के विधायक टी सिद्दिकी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि जिला प्राधिकारी मुंडक्कई क्षेत्र में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “फिलहाल हमारे पास भूस्खलन के कारण लापता लोगों और मृतकों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। एनडीआरएफ के जवान इन जगहों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।”

इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर तलाश एवं बचाव अभियान में मदद के लिए जल्द ही सुलूर से वायनाड के लिए उड़ान भरेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर कई परिवारों को विभिन्न शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घरों में स्थानांतरित किया गया है।

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