उड़ीसा के तर्ज पर लहेरी समाज को मिले अनुसूचित  जाति का दर्जा : जितेंद्र लहेरी

 

झारखंड प्रदेश लहेरी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल ने किया मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात, सौंपा मांगपत्र,

मुख्यमंत्री ने सकारात्मक कार्रवाई का दिया आश्वासन

 

फ़ोटो चितरपुर 01 : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपते लहेरी समाज के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र लहेरी व अन्य  :
चितरपुर, रामगढ़ :

 

 

झारखंड प्रदेश लहेरी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र लहेरी के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उन्हें एक मांग पत्र सौंपा गया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र लहेरी ने मुख्यमंत्री से कहा की हमारा समाज आजादी से पूर्व सैकड़ो वर्षों से झारखंड में निवास करते आ रहा है। हमारे पूर्वजो का मूल पेशा लाह से लहठी की चूड़ी बनाने का था। लेकिन पूंजीपतियों के कारण हमलोगों को लाह नही मिल पाने के कारण हमारा समाज खानाबदोश की तरह घूम घूम कर इधर उधर कांच की चूड़ियां बेचने का काम करने लगे। जिसके कारण हमारी जाति की स्थिति काफी बदतर हो गया। हमारी जाति के लोगों के उत्थान के लिए उड़ीसा की तर्ज पर हमारी लहेरी जाति को भी अनुसूचित जाति ( एससी ) का दर्जा देने की कृपा की जाए। इसके अलावे झारखंड लाह कमिटी में लहेरी जाति के लोगों को रखने की भी मांग किया। साथ ही उन्होंने लहेरी जाति को होने वाले विभिन्न समस्याओं को भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उड़ीसा सरकार से कागजात मंगाकर देखा जाएगा कि किस आधार पर लहेरी जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया है। साथ ही राज्य पिछड़ा आयोग द्वारा लहेरी समाज का सर्वे कराकर इस पर  सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समाज द्वारा पुष्प गुच्छ देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। साथ ही उपहार स्वरूप लाह से बनी लहठी भेंट किया गया।

मौके पर झारखंड प्रदेश लहेरी समाज के संयुक्त सचिव सत्येंद्र लहेरी, कोषाध्यक्ष शंभु लहेरी, संयोजक शिव कुमार लहेरी, संगठन सचिव अनिल लहेरी के अलावे सत्यनारायण लहेरी, बिजय लहेरी, अशोक लहेरी, बलराम लहेरी, प्रेम लहेरी, गणपत लहेरी,  गीतांजलि रानी,  सुनीता देवी, अनीता देवी, रामजीवन लहेरी, दिलीप लहेरी, विवेक लहेरी, गणेश लहेरी, विकास लहेरी, रामलखन लहेरी सहित समाज के कई लोग मौजूद थे।

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