कृति सिंह।
देहरादून। भाजपा की एक दिवसीय कार्य समिति सोमवार को संपन्न हुई। मंगलौर और बद्रीनाथ विधान सभा के उप चुनाव में भाजपा की हार का असर सीधा दिखाई पड़ रहा था,हालांकि हाल के अंदर बैठक में भाजपा के दिग्गज नेता कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश करते दिखे लेकिन बैठक के बाहर कार्यकर्ताओं की जुबान पर केवल और केवल मंगलौर और बद्रीनाथ की शोचनीय पराजय की चर्चा जमकर होती रही। कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना था कि दोनों ही जगह भितरघात हुआ है। कार्यकर्ताओं का यह भी कहना था कि अभी डेढ़ माह पहले ही लोकसभा की सभी पांचों सीटों पर भाजपा का दबदबा रहा। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांचों संसदीय क्षेत्रों में जादू चला लेकिन विधान सभा के चुनाव तो राज्य के लिए हुए हैं। इसका मतलब सरकार के विकास की रफ्तार बेहद धीमी है लोग सरकार के कार्यो से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार को विकास पर फोकस करना चाहिए। कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि केवल सरकार पर दोष देना ठीक नहीं है। इस उप चुनाव में संगठन भी निष्क्रिय रहा है। स्थानीय नेताओं की गुटबाजी भी हार की खास वजह दिखी। हालांकि पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि कार्यकर्ताओं को हताश होने की जरूरत नहीं है शीर्ष स्तर पर समीक्षा की जा रही है। सरकार और संगठन में भी एकजुटता है भट्ट ने कहा कि जहां कमी दिखेगी उसको दुरूस्त किया जाएगा। कार्यकर्ता मायूस न हों अब हमें की प्लानिंग करनी है।