शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश में आई कमी से लोगों को राहत मिली है। राज्य में भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों की बहाली का काम तेजी से जारी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक प्रदेश भर में सिर्फ 10 सड़कें हीं भूस्खलन से बंद रहीं। शिमला जिला के रामपुर उपमंडल में चार और कांगड़ा जिला व मंडी जिला में तीन-तीन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप है। कांगड़ा जिला की बात करें तो इंदौरा, जयसिंहपुर और नगरोटा बंगवा उपमंडलों में एक-एक सड़क अवरुद्ध है। इसी तरह मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल में तीन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 49 ट्रांसफार्मर भी खराब मौसम से ठप हुए हैं। इनमें मंडी जिला में 34 और चंबा जिला में 15 ट्रांसफार्मरों के बंद रहने से बिजली की आपूर्ति बाधित है। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में 33 व सरकाघाट में एक और चंबा जिला के तीसा में 14 व चंबा उपमंडल में एक ट्रांसफार्मर बंद पड़ा है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर जिला में एक पेजयल परियोजना भी बाधित हुई है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में व्यापक बारिश की आंशका जताई गई है। आगामी 18 जुलाई तक राज्य में मौसम के खराब रहने की संभावना है। राजधानी शिमला व आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को घनघोर बादल छाए हुए हैं। प्रदेश में पिछले तीन-चार दिन से मानसून के मंद रहने से ज्यादा बारिश नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक मानसून की सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक राज्य में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी और पिछले 15 दिनों में राज्य में मानसून की वर्षा से विभिन्न सरकारी विभागों को 175 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इनमें सर्वाधिक 105 करोड़ का नुकसान लोकनिर्माण विभाग को हुआ है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित हादसों में 49 लोगों की जान गई है और 71 घायल हुए हैं। इसके अलावा दो लोग लापता भी हुए हैं।
इस बार मानसून सीजन में भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, बादल फटने और आसमानी बिजली की चपेट में आने से कोई मौत नहीं हुई हैं। राज्य में मानसून सीजन में सर्वाधिक 24 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। इसके अलावा नदी में बह जाने नौ, सर्पदंश से तीन, करंट से चार और पहाड़ी व ऊंचाई से फिसल कर गिरने की वजह से आठ व्यक्तियों की मौत हुई है।