मुंबई। महाराष्ट्र के छह सांसदों को नरेन्द्र मोदी नीत मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चार और सहयोगी शिवसेना तथा भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (आठवले) को एक-एक मंत्री पद मिला। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रफुल्ल पटेल को भाजपा की ओर से स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री की पेशकश को ठुकरा दिया और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने पर जोर दिया।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (2019-24) में महाराष्ट्र से भाजपा और उसके सहयोगी दलों के आठ मंत्री थे। रविवार को यह संख्या घटकर छह रह गई। नयी सरकार में भाजपा सांसद नितिन गडकरी और पीयूष गोयल को कैबिनेट मंत्री बरकरार रखा गया। महाराष्ट्र से भाजपा की एकमात्र महिला सांसद रक्षा खडसे और पहली बार सांसद बने मुरलीधर मोहोल ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।
भाजपा के सहयोगी दल आरपीआई (ए) के प्रमुख रामदास आठवले को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने भी स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि गठबंधन के घटक दलों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में कैबिनेट विस्तार में राकांपा पर विचार किया जाएगा।
फडणवीस ने कहा, ”हमने राकांपा को स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री पद की पेशकश की थी लेकिन वे चाहते थे कि प्रफुल्ल पटेल के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाए। पटेल के अनुभव के कारण राकांपा का मानना है कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री नहीं बनाया जा सकता।” उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार में एक फार्मूला तैयार करना होता है, जिसे एक पार्टी के लिए नहीं तोड़ा जा सकता।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जब भी मंत्रिमंडल विस्तार होगा, सरकार राकांपा पर विचार करेगी। हमने अभी राकांपा को शामिल करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कैबिनेट दर्जे पर जोर दिया।” अजित पवार ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि राकांपा इंतजार करने के लिए तैयार है लेकिन कैबिनेट मंत्री का पद चाहती है।